तराई क्या है (What is curing)। तराई क्यों करना चाहिए। तराई कितने दिनों तक करे। तराई करने का सही समय क्या है।
टिकाऊ और मजबूत घर बनाने के लिए हमे कई सारी बातों को ध्यान में रखना होता है, उन्ही में से एक महत्वपूर्ण प्रश्न है की तराई क्या है, तराई क्यों करना चाहिए और तराई कितने दिनों तक करना चाहिए,जब छत की ढलाई हो जाय ,कॉलम का निर्माण हो या लेंटर के निर्माण का तराई करना हो या दीवार प्लास्टर की अच्छी से अच्छी तराई केसे करे की concrete हमेशा मजबूत रहे, इस आर्टिकल में मैं यह भी बताऊंगा की तराई करने का सही समय क्या होता है।
तराई क्या है (What is curing)
तराई क्या है ,जब सीमेंट में पानी मिलाया जाता हैं तो उसमे हाइड्रेशन की प्रक्रिया होती है जो की एक रासायनिक प्रक्रिया होती है जो जैली जैसा मकड़ी का जाल बनाती है और यह जैल concrete को बांधे रखने का कार्य करता है यानी साधारण भाषा में आप समझ सकते है की सीमेंट की हाइड्रेशन क्रिया पूरा करना और उचित मॉइश्चर ओर टेंप्रेचर का सतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है तथा पानी का कंक्रीट से बाहर निकलना व बाहर से अंदर जाना और टेंप्रेचर पर विशेष टाइम तक नियत्रण रखना बहुत जरूरी है , इस प्रक्रिया को बनाए रखने को ही तराई कहते है।
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तराई (Curing of concrete) एक रासायनिक प्रक्रिया है, जिसमें सीमेंट में पानी मिलाया जाता हैं तो उसमे हाइड्रेशन की प्रक्रिया होती है जो एक जैली जैसा मकड़ी का जाल बनाती है और यह जैल concrete को बांधे रखने का कार्य करता है। सीमेंट की हाइड्रेशन क्रिया पूरा करना और उचित मॉइश्चर और टेंप्रेचर का सतुलन बनाए रखना ही तराई कहलाता है।
तराई करना क्यों जरूरी (Why curing is necessary)
तराई निर्माण कार्य में कंक्रीट को अधिक मजबूती प्रदान करता है जिससे कंक्रीट को कंप्रेसिव शक्ति मिलती है और कंक्रीट की स्ट्रेंथ को बढ़ाने का कार्य करती है जो की कंक्रीट की भार वहन क्षमता बड़ जाता है यदि हम कंक्रीट, प्लास्टर की तराई ठीक से नहीं करते है तो कंक्रीट बहुत ही कमजोर हो जायेगी और जल्दी ही टूटने लगेगी एवम प्लास्टर झड़ने लगेगा ,इसी तरह यदि दीवार में तराई नही हुई प्रॉपर त्रिका से तो दिवारे से ईट गिरने लगेगी ,यदि हम कंक्रीट की तराई ठीक से नही करते हैं तो कंक्रीट बहुत ही कमजोर रहेगी और जल्दी ही कंक्रीट टूटने लगेगी, छत में क्रैक आ जायेगा।तराई करना ओर भी जरूरी हो जाता है क्योंकि कंक्रीट स्ट्रक्चर फुटिंग , कॉलम कैप, कॉलम, प्लिंथ बीम, छत, रिटेनिंग वॉल और समस्त आरसीसी वर्क प्रॉपर तराई एवम उचित समय पर करने से सीमेंट का पकड़ बढ़ता है कंक्रीट को कंप्रेसिव शक्ति मिलती है और कंक्रीट की स्ट्रेंथ को बढ़ाने का कार्य करती है जो की कंक्रीट की भार वहन क्षमता बड़ जाता है।
● छत ढलाई के बाद कितने दिनों तक तराई करना चाहिए
● छत की मोटाई कितनी होनी चाहिए (Roof slab thickness)
● 1200 स्क्वायर फीट छत में कितना सरिया लगेगा
तराई कितने दिनों तक करे
तराई 14 दिनों तक मिनिमम और 28 दिनों तक मैक्सिम करना चाहिए जिससे 28 दिनों में कंक्रीट की कंप्रेसिव स्ट्रेंथ 99% पूरी हो जाति है 7 दिनोंमें कंक्रीट की कंप्रेसिव स्ट्रेंथ 65% ही पूरी होती है एवम 14 दिनों में कंक्रीट की कंप्रेसिव स्ट्रेंथ 90% तक पूरी हो जाति है इसलिए कंक्रीट की तराई कम से कम 14 दिनों तक एवम ज्यादा 28 दिनों तक करना चाहिए इसके बाद मतलब 28 दिनों बाद पानी को बाहर निकाल दे और दो दिन तक सुखने दे उसके बाद ही यानी 30दिन के बाद ही लगी सेटिंग, शेटरिंग को निकाले लेकिन आउटर बीम की सेटिंग छत ढलाई के 2दिन बाद ही निकल सकते है और रोज 28 दिन तक कंक्रीट की तराई अच्छी से करना चाहिए।
खासतौर पर कंक्रीट स्ट्रक्चर जैसे फुटिंग की तराई ,कॉलम लैप, कॉलम की तराई प्रॉपर 28 दिनों तक करना चाहिए प्लिंथ बीम छत की ढलाई की तराई भी 28 दिन तक कंटिन्यू करना चाहिए जिससे कंक्रीट की कंप्रेसिव स्ट्रेंथ 99%तक पहुंच जाय और दीवारों की चुनाई की तराई 14 दिनों तक प्रॉपर्ली करना चाहिए एवम प्लास्टर की तराई कम से कम 14 दिनों तक करे जिससे निर्माण कार्य को मजबूती प्रदान होती है एक और खास बात का आप ध्यान रखिए की तराई दिन में तीन बार अवश्य करें।
तराई करने का सही समय क्या हैं
आवश्यक नमी एवम टेंप्रेचर में सतुलन क्रियान्वन बनाए रखने के लिए तराई करने का सबसे अच्छा समय सुबह का होता है प्रातः 6 बजे से 11 बजे तक समय बहुत उचित होता है इसके अलावा एक दिन में तीन बार तराई अवश्य करना चाहिए।
निस्कर्ष:-
सीमेंट की हाइड्रेशन की क्रिया पूरा करना और उचित मॉइश्चर और टेंप्रेचर का सतुलन बनाए रखना तराई कहलाता है। कंक्रीट में सीमेंट की शक्ति बढ़ाने एवं एक मजबूत, high durabilty, एवं उच्च कंप्रेसिव स्ट्रेंथ के लिए तराई (Curing) जरूरी है।